तुम कहो तो कुछ बोलूं,
कुछ राज दिल के खोलू,
कहना तो कब से चाहता था,
ठीक लगे तो बताना,
वरना इस राज को भी,
अपने दिल में राज ही रखना,
कलियों को खिलते हुए किसने देखा है?
ये झूठ नहीं है,
पर मैंने मुस्कुराना..
तो तुमसे ही सीखा है|
तुम्हारी इन खुबसूरत आँखों में ,
भले ही तश्वीर किसी और की हो,
पर अपनी आँखों से,
मैंने तो सिर्फ तुमको ही देखा है|
Dil Ke Raaz
Reviewed by Shivaji chandra
on
January 09, 2018
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